की, आतंरिक क्रिस्टलीय सममिति के आधार पर, व्याख्या की जाती है, जिससे उन्हें पहचानने में लाभ उठाया जाता है।
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इस प्रकार कुछ विधियों से प्राप्त फोटोग्राफ के प्रतिरूपों (patterns) की, आतंरिक क्रिस्टलीय सममिति के आधार पर, व्याख्या की जाती है, जिससे उन्हें पहचानने में लाभ उठाया जाता है।
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इस प्रकार कुछ विधियों से प्राप्त फोटोग्राफ के प्रतिरूपों (patterns) की, आतंरिक क्रिस्टलीय सममिति के आधार पर, व्याख्या की जाती है, जिससे उन्हें पहचानने में लाभ उठाया जाता है।
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इस परीक्षण द्वारा उन खनिजों में विद्यमान क्रिस्टलीय सममिति के कुछ तत्त्वों का ज्ञान हो जाता है, जिसके आधार पर उन खनिजों की आंतरिक आणविक अव्यवस्था, जिसपर खनिज के क्रिस्टल की आकृति निर्भर करती है, खनिज के भौतिक और प्रकाशीय (
5.
इस परीक्षण द्वारा उन खनिजों में विद्यमान क्रिस्टलीय सममिति के कुछ तत्त्वों का ज्ञान हो जाता है, जिसके आधार पर उन खनिजों की आंतरिक आणविक अव्यवस्था, जिसपर खनिज के क्रिस्टल की आकृति निर्भर करती है, खनिज के भौतिक और प्रकाशीय (optical) गुणों का आधार भी है।
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इस परीक्षण द्वारा उन खनिजों में विद्यमान क्रिस्टलीय सममिति के कुछ तत्त्वों का ज्ञान हो जाता है, जिसके आधार पर उन खनिजों की आंतरिक आणविक अव्यवस्था, जिसपर खनिज के क्रिस्टल की आकृति निर्भर करती है, खनिज के भौतिक और प्रकाशीय (optical) गुणों का आधार भी है।